Chapter 8 – भारत में ब्रिटिश उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन Exercise Solutions
प्रश्न 1. 1857 से पहले कौन-कौन से आंदोलन हुए थे?
उत्तर – 1857 ई. से पहले भारत में निम्नलिखित आंदोलन हुए थे :-
- 1831 ई. में कौल आंदोलन झारखंड में हुआ।
- 1837 ई. में खोंड आंदोलन उड़ीसा में हुआ।
- 1770 ई. में सन्यासी आंदोलन बंगाल में हुआ।
- 1820 ई. में भील आंदोलन राजस्थान में हुआ।
- 1828 ई. में अहोम तथा खासी नामक आंदोलन असम में हुए।
प्रश्न 2. 1857 की क्रांति किन कारणों से हुई थी?
उत्तर – 1857 ई. की क्रांति के निम्नलिखित कारण थे –
- अंग्रेजों ने भारतीय किसानों, हस्तशिल्प उद्योगों और देसी रियासतों को बर्बाद कर दिया।
- उनकी दमनकारी नीतियों से लोग परेशान हो चुके थे।
- सेना में भारतीय सैनिकों के साथ भेदभाव किया जाता था।
- ईसाई मत के प्रचार से तथा भारतीय धर्म व संस्कृति का उपहास करने से भारतीय जनता बहुत दुखी हुई।
- ज्यादा धन इंग्लैंड भेजने की वजह से देश में धन की कमी होने लगी।
प्रश्न 3. क्रांतिकारियों की गतिविधियों के मुख्य केन्द्र कौन-कौन से थे?
उत्तर:
- क्रांतिकारियों की गतिविधियों के मुख्य केंद्र दिल्ली, लखनऊ, इलाहाबाद, झांसी, ग्वालियर, कानपुर, रेवाड़ी, झज्जर, बल्लभगढ़, पटना इत्यादि थे।
प्रश्न 4. आजाद हिन्द फौज की स्वतंत्रता आंदोलन की क्या भूमिका थी?
उत्तर :
- आजाद हिंद फौज के आंदोलन का प्रभाव राष्ट्रीय आंदोलन और भारतीय सेना पर भी पड़ा। जिससे सेना में अशांति फैल गई।
- भारतीय सैनिकों के साथ हो रहे बुरे बर्ताव के लिए भारतीय सैनिकों ने आंदोलन किया। तलवार नामक जहाज से भारतीय सैनिकों ने ‘जय हिंद’, ‘इंकलाब जिंदाबाद’, ‘हिंदू मुस्लिम एक हो’, ‘ ब्रिटिश साम्राज्यवाद मुर्दाबाद’, ‘ब्रिटिश साम्राज्यवाद का नाश हो’ के नारे लगाए।
- आजाद हिंद फौज की लहर सारे देश में फैल गई। जिससे भारतीय जनता अंग्रेजों का विरोध करने लगी।
प्रश्न 5. महात्मा गाँधी के आंदोलनों का वर्णन करें?
उत्तर:
- गांधी जी ने प्रथम विश्व युद्ध के बाद रोलट एक्ट, जलियांवाला बाग नरसंहार जैसी परिस्थितियों में गांधी ने असहयोग आंदोलन चलाया।
- 1929 ई. में रावी के तट पर एक ऐतिहासिक अधिवेशन में गांधी जी ने पूर्ण स्वराज्य का प्रस्ताव रखा तथा इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ चलाने का निर्णय लिया गया
- ब्रिटिश सरकार के व्यवहार से तंग आकर कांग्रेस ने 8 अगस्त 1942 ई. को बंबई अधिवेशन में भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव पास किया।
प्रश्न 1. बिरसा मुंडा के नेतृत्व में वनवासी आंदोलन किन कारणों से हुआ?
उत्तर – बिरसा मुंडा के नेतृत्व में वनवासी आंदोलन निम्नलिखित कारणों से हुआ –
- अंग्रेजी साम्राज्यवाद ने वनवासियों के क्षेत्र में घुसपैठ की।
- मुंडा सामूहिक खेती करते थे लेकिन अंग्रेजी शासन से यह परंपरा टूट गई जिससे मुंडा वनवासियों में असंतोष पनपा।
- ईसाई धर्म के प्रचार के मुंडा लोग विरोधी थे।
- अंग्रेजी साम्राज्य ने वनवासियों का शोषण करना शुरू कर दिया था।
प्रश्न 2. स्वतंत्रता आंदोलन में भगत सिंह, राजगुरु एवं सुखदेव का क्या योगदान था?
उत्तर – 30 अक्टूबर 1928 ई. को लाहौर में साइमन कमीशन का विरोध करते हुए लाला लाजपत राय पर लाठीचार्ज से उनकी मौत हो गई । राजगुरु व भगत सिंह ने सांडर्स को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया तथा लाला लाजपत राय की मौत का बदला लिया। जिससे जनता में ये लोकप्रिय हो गए। जो अब तक क्रांतिकारियों की निंदा करते थे अब वे भी प्रशंसा करने लगे थे। हत्या के आरोप में अंग्रेजी सरकार ने उन पर मुकदमा चलाया और भगत सिंह व उसके साथियों को मौत की सजा सुना दी। फांसी की सजा रोकने के लिए पूरे देश में प्रदर्शन हुए। जनता के विरोध के डर से सतलुज के किनारे इनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। इन महान देशभक्तों ने अपने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान भी दे दिया।
प्रश्न 3. कामागाटामारू घटना क्यों हुई?
उत्तर – गदर पार्टी के सदस्यों ने भारत में हथियारों की क्रांति लाने के उद्देश्य से क्रांतिकारियों को जर्मन शस्त्रों के साथ तोसामारु नामक जहाज में भारत भेजा परंतु इसकी सूचना भारत में ब्रिटिश सरकार को पहले ही हो गई इसलिए भारत पहुँचने पर सभी व्यक्तियों को कैदी बनाकर कठोर मृत्युदंड दिए गए। इसी समय कनाडा की सरकार ने भारतीयों पर अनेक अनुचित प्रतिबंध लगा रखे थे इसलिए इन भारतीयों के सहयोग के लिए सिंगापुर के एक धनी भारतीय बाबा गुरुदत्त सिंह ने कामागाटामारू जहाज में 350 भारतीयों को लेकर कनाडा के लिए प्रस्थान किया। 23 मई 1914 ई. को जब यह जहाज कनाडा की बंदरगाह बैंकूवर पहुँचा तो कनाडा की सरकार ने इन्हें यहाँ उतरने की अनुमति नहीं दी। तत्पश्चात् यह जहाज भारत के लिए रवाना हो गया परंतु जब ब्रिटिश सरकार को इसका पता चला तो कलकत्ता पहुँचते ही सरकार ने बलपूर्वक इन यात्रियों को पंजाब में भेजने का प्रयास किया। कुछ यात्रियों ने बलपूर्वक कलकत्ता में प्रवेश करने की कोशिश की तो सरकार ने उन पर गोली चला दी। कामागाटामारू के निर्दोष व्यक्तियों पर गोली चलाए जाने के कारण भारतीयों में ब्रिटिश शासन के प्रति काफी रोष उत्पन्न हुआ। ऐसे ही कामागाटामारू घटना कहा जाता है।
प्रश्न 4. स्वतंत्रता आंदोलन में स्वदेशी व बहिष्कार क्यों महत्वपूर्ण थें?
उत्तर – ब्रिटिश सरकार भारतीयों का शोषण कर रही थी। औद्योगिक क्रांति के चलते इंग्लैंड से आने वाला कपड़ा भारत में बिकने की वजह से सारा पैसा इंग्लैंड जा रहा था। इसीलिए स्वतंत्रता आंदोलन में स्वदेशी कपड़े को अपनाया गया ताकि देश का पैसा देश में ही रहे। इसके साथ ही विदेशी कपड़े का बहिष्कार किया गया और खादी जैसे वस्त्र का प्रचलन बढ़ गया। अंग्रेजों की आर्थिक स्थिति को कमजोर करने के लिए भी यह कदम बहुत ही लाभकारी सिद्ध हुआ।
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