Chapter 7 – आजाद हिंद फौज एवं नेताजी की भूमिका Exercise Solution
प्रश्न 1. गांधी जी और नेताजी के विचारों में मुख्य भेद क्या था?
उत्तर :गांधी जी और नेताजी के विचार आपस में नहीं मिलते थे। गांधी जी साधन और साध्य दोनों की पवित्रता में गहरा विश्वास रखते थे जबकि नेताजी साध्य के लिए किसी भी साधन को अपनाने के हक में थे। इसके अलावा नेताजी के द्वारा महात्मा गांधी से पूछे गए स्वराज के सवालों का महात्मा गांधी नेताजी को स्पष्ट उत्तर नहीं दे पाए जिसके कारण भी उनके अंदर वैचारिक भेद था।
प्रश्न 2. आजाद हिन्द फौज के गठन पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर : फरवरी 1942 ई. में जब अंग्रेजी सेना ने सिंगापुर में जापानी सेना के सामने हथियार डाले तो नेताजी ने एशिया जाने की योजना बनानी शुरू कर दी तथा 90 दिन की पनडुब्बी की यात्रा करके वे दक्षिण-पूर्व एशिया पहुँचे। ‘रास बिहारी बोस’ काफी समय से आत्म निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे थे। उन्होंने इंडियन इंडिपेंडेंस लीग का गठन करके दक्षिण-पूर्व एशिया में भारत की स्वतंत्रता के प्रयास किए। उनके अलावा बर्मा, थाईलैंड और शंघाई में क्रमश: प्रीतम सिंह, बाबा अमर सिंह एवं बाबा उस्मान खान भी स्वतंत्रता की अलख जगाए हुए थे। इन सबके प्रयत्नों तथा कैप्टन मोहन सिंह के सहयोग से ‘आजाद हिंद फौज’ का गठन हुआ लेकिन शीघ्र ही मोहन सिंह व जापानी अधिकारियों में मतभेद होने से इसका विघटन होने लगा। नेताजी आजाद हिंद फौज में तीन लाख सैनिक भर्ती करना चाहते थे। इसके लिए धन की आवश्यकता थी। रंगून के एक उद्योगपति हबीबुर्रहमान ने एक करोड़ रुपए की सहायता दी। एक गुजराती महिला श्रीमती बताई देवी ने तीन करोड़ की संपत्ति नेताजी के कदमों में रख दी। रंगून में ‘आजाद हिंद बैंक’ की स्थापना हुई। प्रवासी भारतीयों ने अपने गहने बेचकर नेताजी को धन दिया। नेताजी ने अधिकाधिक सैनिक भर्ती करने के लिए सिंगापुर, मलाया, जावा, सुमात्रा, बर्मा में फौज के दफ्तर खोल दिए।
प्रश्न 3. क्या आप मानते हैं कि नेताजी की मृत्यु विमान दुर्घटना में हुई? यदि नहीं, तो अपने तर्क रखिए।
उत्तर: नेताजी की मृत्यु विमान दुर्घटना में हुई, ऐसा माना जाता है लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता। मुझे लगता है कि यह उनकी बढ़ती हुई लोकप्रियता के कारण किसी विद्रोही का काम है। ऐसा इसीलिए कहा जा सकता है क्योंकि दुर्घटना के बाद उनका शरीर को घटनास्थल पर नहीं पाया गया। ऐसा तभी संभव है जब किसी ने उन्हें मारने की साजिश रची को।
प्रश्न 4. भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस एवं आजाद हिंद फौज का क्या योगदान था?
उत्तर: भारत की आजादी के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने ‘आजाद हिंद फौज’ को संगठित करते हुए आह्वान किया था कि “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।” आजाद हिंद फौज एवं नेताजी सुभाष चंद्र बोस का योगदान निम्नलिखित हैं :-
- युवकों को प्रेरणा देना।
- अहिंसात्मक नीति का विरोध करके आजाद हिंद फौज के माध्यम से राष्ट्रीय आंदोलन को जुझारू एवं संघर्षशील बनाया।
- संघर्ष एवं युद्ध करके राष्ट्रीय भावना को तीव्रत्तम स्तर पर पहुँचाया।
- सुभाष चन्द्र बोस ने हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख सभी को सेना में समान रूप से भर्ती करके साम्प्रदायिक एकता व सौहार्द उत्पन्न किया।
- प्रवासी भारतीयों ने तन-मन-धन से फौज को सहयोग देकर देश की स्वतंत्रता में योगदान दिया।
- मुंबई नौसेना का 1946 ई. का संघर्ष भी बोस की आजाद हिंद फौज से ली गई प्रेरणा का परिणाम था। • अग्रेंजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया।
- महिलाओं ने जेवर दिए, बताई देवी ने संपत्ति दान कर दी, लक्ष्मी स्वामीनाथन ने रेजीमेंट का नेत्तृत्व किया। हजारों स्त्रियाँ युद्ध के मोर्चों पर सक्रिय रही, जिससे संघर्षशील आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी हुई।
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