प्रश्न – टैली से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर -
टैली एक प्रकार का कर था
यह कर राजा किसानों पर लगाया करते थे
पादरी तथा अभिजात वर्ग इस कर से मुक्त होते थे उन्हें यह कर नहीं देना होता था
प्रश्न – यूरोप में नगरों के विस्तार के कारण बताइए ?
उत्तर -
कृषि का विस्तार
जनसँख्या बढ़ना
व्यापार में विस्तार
इसी कारण यूरोप में नगरों के विस्तार हुआ
और एक चौथा वर्ग नगरवासी बना
प्रश्न – फ्रायर किन्हें कहा जाता था ?
उत्तर -
फ्रायर भिक्षुओं के ऐसे समूह को कहा जाता था
जिस समूह ने मठ में ना रहने का फैसला लिया
यह भिक्षु एक स्थान से दूसरे स्थान में घूम- घूम कर लोगों को उपदेश देते थे
यह भिक्षु दान से अपना जीवन चलते थे
प्रश्न – श्रम अधिशेष से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर -
लार्ड की जागीरों पर किसानों के परिवारों के श्रम से होने वाले उत्पाद को श्रम अधिशेष कहा जाता है
किसानों के परिवारों को सप्ताह में तीन या उससे अधिक दिन तक लार्ड की जागीरों पर काम करना पड़ता है
प्रश्न – दो सबसे प्रसिद्ध मठ कब और कहाँ बनाये गए ?
उत्तर -
1. 529 में इटली में – सेंट बेनेडिक्ट
2. 910 में बरगंडी में - क्लूनी
प्रश्न - सामंतवाद के अन्तर्गत यूरोप में किसानों की क्या स्थिति थी?
उत्तर -
गयारहवीं सदी के उत्तरार्द्ध यूरोप के अनेक भागों में सामन्तवाद की उत्पत्ति हुई।
‘सामन्तवाद’ (Feudalism) जर्मन शब्द ‘फ्यूड’ से बना है जिसका अर्थ है – एक भूमि का टुकड़ा।
आर्थिक दृष्टि से सामन्त एक प्रकार के कृषि उत्पाद की ओर संकेत करता है जो सामन्त तथा कृषकों के सम्बन्धों पर आधारित था, कृषक अपने खेतों के साथ-साथ लार्ड (सामन्त) के खेतों पर भी कार्य करते थे।
कृषक लार्ड को सेवा प्रदान करते थे तथा बदले में लार्ड उन्हें सैनिक सुरक्षा प्रदान करते थे साथ ही लार्ड को कृषकों पर न्यायिक अधिकार भी थे
यह व्यवस्था मध्य फ्रांस और बाद में इंग्लैण्ड तथा दक्षिणी इटली में भी विकसित हुई
प्रश्न - नाइट वर्ग का उदय क्यों हुआ ? लार्ड तथा नाइट के आपसी संबंधों की संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
उत्तर -
नाइट वर्ग
नौवीं शताब्दी के दौरान यूरोप में युद्ध होते रहते थे जिनके लिए सैनिक पर्याप्त नहीं थे इसलिए कुशल घुड़सवार अश्वसेना की आवश्यकता ने एक नये वर्ग को बढ़ावा दिया जो कुशल घुड़सवार अश्व सेना का था जिसे नाइट्स कहा जाता था
नाइट्स और लॉर्ड का संबंध
यूरोप में नाइट्स और लॉर्ड का संबंध वैसा ही था जैसा लार्ड और राजा का हुआ करता था
सामंत नाइट को भूमि का एक भाग देता था, जिसे फ़ीफ़ कहा जाता था यह 1000 से 2000 एकड़ या उससे भी अधिक क्षेत्र में फैली हुई भूमि होती थी
नाइट भूमि के बदले में लॉर्ड को एक निश्चित धनराशि देता था साथ ही यह अस्वाशन देता था की जरुरत पड़ने पर वह युद्ध में उसका साथ देगा
नाइट अपनी सेवाएँ अन्य लॉर्डों को भी प्रदान कर सकता था। लेकिन सर्वप्रथम निष्ठा अपने लॉर्ड के प्रति ही होती थी
प्रश्न - मध्यकालीन यूरोप के मठों में ईसाई मिक्षु कैसा जीवन बिताते थे?
उत्तर -
मध्यकालीन यूरोप में ईसाई धर्म में कुछ धार्मिक लोग जो पादरी नहीं थे एकांत में जीवन जीना पसन्द करते थे
ये जिन धार्मिक समुदायों में रहते थे उसे मठ या ऐबी कहा जाता था। मध्यकालीन यूरोप में दो महत्वपूर्ण मठ थे
529 ई. में इटली में स्थापित सेन्ट बेनेडिक्ट मठ
910 ई. में बरगंडी में स्थापित क्लूनी मठ।
भिक्षुओं का सम्पूर्ण जीवन मठों में रहने, प्रार्थना करने, अध्ययन करने, कृषि जैसा शारीरिक श्रम करने में व्यतीत करते थे
भिक्षुओं को निश्चित नियमो का पालन करना पड़ता था
एक भिक्षु का जीवन पुरुष व महिला दोनों ही अपना सकते थे, पुरुष भिक्षुओं को 'मोंक' एवं महिला भिक्षुओं को ‘नन’ कहा जाता था
भिक्षु व भिक्षुणियों को विवाह करने की अनुमति नहीं होती थी।
किसी भी भिक्षु को व्यक्तिगत सम्पत्ति रखने का अधिकार नहीं था
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